सरयू ने तोड़ा बांध / ...एक वक्त था जब पसीना भी गुलाब था, अब तो इत्र भी मलते हैं तो खुशबू नहीं आती : सरयू

संदीप कुमार प्रजापति | जमशेदपुर . सरयू ने बांध तोड़ दिया है। चुनावी रणक्षेत्र में सरयू ने दो तट बना लिए थे। एक जमशेदपुर पूर्वी और दूसरा जमशेदपुर पश्चिमी। हालांकि, अब वे मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके क्षेत्र पूर्वी में चुनौती देंगे। सरयू राय झारखंड के एकमात्र मंत्री हैं, जिनका भाजपा ने टिकट काटा है। टिकट कटने के बाद राय लगातार अपने समर्थकों से बातचीत कर रहे हैं। उम्र के 68 वसंत देख चुके पत्रकार से राजनीति में आए सरयू राय अब शेरो-शायरी पर उतर आए हैं। नामांकन करने से एक दिन पहले रविवार को मंत्री ने शायराना अंदाज में अपने विरोधियों पर निशाना साधा।


कहा- एक वक्त था जब पसीना भी गुलाब था, अब तो इत्र भी मलते हैं तो खुशबू नहीं आती। उन्होंने कहा कि यह शेर सबके लिए है। समय बलवान होता है। हम कोई ऐसा काम नहीं करेंगे, जिससे हमारे प्रतिनिधि को शर्मिंदगी महसूस हो। विरोधियों पर तंज कसते हुए उन्होंने एक अल्लाम इकबाल का शेर पढ़ा- चमन को सींचने में पसीना भी झर गया होगा। यही इल्जाम है चमन को मुझसे बेवफाई का। उन्होंने कहा-जब कदम बढ़ रहा है तो कारवां जरूर बनेगा। इसका जो भी परिणाम होगा वो हमें स्वीकार होगा।


घोटालों के खुलासे के लिए जाने जाते हैं सरयू 
रघुवर दास सरकार में शामिल मंत्री सरयू राय ने 1994 में सबसे पहले पशुपालन घोटाले का भंडाफोड़ किया था। सरयू राय ने ही संयुक्त बिहार में अलकतरा घोटाले का भी भंडाफोड़ किया था। झारखंड में खनन घोटाले को उजागर करने में भी उनकी अहम भूमिका रही। इतने घोटालों के पर्दाफाश के बाद तो सरयू राय का नाम भ्रष्ट अधिकारियों में खौफ का पर्याय बन गया।